Thursday, March 26, 2020

अप्रकाशित सत्य 2 , दिल्ली दंगों का ये पहलु , क्या दिल्ली में हुआ दंगा योजनाबद्ध साजिश था ?

     23 , 24 और 25 फरवरी , ये शिर्फ तारिखें नही हैं बल्की ये वो मंजर है जो भारत के आधुनिक पंथनिरपेक् और समाजवादी समाज को नही भुलना चाहिए वजय ये है कि इन तीन तारिखों के दरमियान उत्तरपुर्वी दिल्ली में जो दंगे हुए है उन में अब तक 40 से ज्यादा लोगों कि मौत हो गई है और राजधानी में ये तब हुआ जब दुनियां के सबसे अमीर , ताकतवर और दुसरे सबसे बडे़ लोकतात्रिक देश के राष्टपति श्री डोनाल्ड ट्रंप सह परिवार दो दिवसीय दौरे पर भारत आए थे तब इन दंगों के इस तरह योजनाबद्ध साजिश से कराए जाने के पुख्ता आसार हैं और मैं यह क्यों कह रहा हुं इसे निचे लेख में विस्तारपुर्वक लिख रहा हुं |

       जब से ये दंगे हुए हैं तब से मुख्य मिडिया केवल कपिल मिश्रा के बयान को इन दंगों का जिम्मेदार ठहरा रहा है , लेकिन सबाल यह खडा़ होता है कि क्या मात्र कपिल मिश्रा के द्वारा हि कथित रुप से भड़काउ बयान दिया गया था ? , इसका जबाब है जी नही ! इसमें तीन महिने से जिस तरह से भड़काउ बयान दिए जा रहे हैं इसके सामने कपिल मिश्रा का बयान इंच मात्र भी नही है | जब से जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंसा हुई थी तभी से ऐसे सैकडो़ भड़काउ बयान सैकडो़ नेताओ के द्वारा दिए जा चुके हैं जिनमें एआईएमआईएम नेता ओवेसी भाईयों ( असदुद्दीन ओवेसी और अकबरुद्दीन ओवेसी ) तथा वारीस पठान , आम आदमी पार्टी के नेता विधायक अमानतुल्लाह खान का बयान भी सामिल है | वारीस पठान ने तो यहां तक कह दिया कि 'हम दिखा देंगे पंद्रह करोड़ सों करोड़ पर भारी पडे़गे' और आम आदमी पार्टी के विधायक नेता अमानतुल्लाह खान से ताल्लुकात रखने वाला एक दंगाई लड़का जिसका नाम सर्जिल इमाम है चीकन नेक को भारत से काटकर पुर्वोत्तर को परमानेंटली अलग करने कि बात कह रहा था फिलहाल वह पुलिस कि हिरासत में है |

         उत्तरपुर्वी दिल्ली के ये दंगे जिसमें दोनो धर्मों के 40 से ज्यादा लोगों कि मौत हो गई है जिसमें दिल्ली पुलिस के हेड कांसटेबल रतनलाल तथा आईबी के आफिसर अंकित शर्मा जिनको 2 से 4 घंटे तक 400 से ज्यादा बार चाकु मारकर हत्या कर दी गई और लाश को पास के नाले में फेंक दिया गया सामिल हैं | इन दंगों को पुरे योजनाबद्ध तरीके से साजिश के तहत आयोजित किया गया था और आयोजनकर्ता के रुप में आम आदमी पार्टी का पार्षद ताहिर हुसैन चिंन्हीत किया जा चुका है और आज दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया है | ताहिर हुसैन के पॉच मंजिला घर कि छत पर से 200 से 500 लोगों कि भीड़ निचे हिन्दुओं का घर चुनचुन कर पत्थर , पेटो्ल बम , तेजाब कि थैलियां और टाइल्स फेंक रहे थे | इस दंगों के योजनाबद्ध होने का यही सबसे बडा़ सबुत है कि एक पार्टी के पार्षद के घर कि छत पर इतने बडे़ मात्रा में पत्थर जिसे रिपोर्ट में तकरिबन सात ट्रक बताया जाता है , पेट्राेल बम , तेजाब तथा गुलेल जैसी खतरनाक चीजें कहां से आयीं क्योकि यह सब चिजे ना तो हवा में उड़कर आ सकती है और ना जादु से पैदा कि जा सकती हैं मतलब साफ है ये सब चीजे एक खास दिन के लिए एक खास मक्सद के लिए इकट्ठा कि गई थी |

      आप दंगों का रुप देखेंगे तो पाएंगे कि यह दंगे पुरी तरह से हिन्दू घृणा से सने हुई थे | अंकित शर्मा को किस तरह से मारा गया था यह मैने आप को बताया और आप थोडा़ और जानने कि कोशिश करेंगे तो पाएंगे कि इन दंगों में जितने भी हिन्दूओ कि मौत हुई है इसी तरह से हुई है और ताहिर हुसैन के घर कि छत से जिस तरह से केवल हिन्दूओ के घरो पर हि पेट्रोल बम , पत्थर और टाइल्स के टुकडे़ फेंके गए हैं तथा उनके हि घरों और दुकानों को ज्यादातर आग लगाई गई है तो इतना सब देखने और सुनने के बाद मैं मजबुर हो गया हुं यह कहने के लिए कि जिस तहर से 1984 में दिल्ली में सिख विरोधी दंगे हुए थे जिसमें 4 हजार से ज्यादा सिखों को मार डाला गया था उसी तरह से यह उत्तरपुर्वी दिल्ली के 2020 के हिन्दू विरोधी देगे थे | हां यह सच है कि इस दंगे मे 1984 के दंगों जितनी मौते नही हुई हैं पर मेरे लिए एक व्यक्ति कि जान भी बहोत अहमियत रखती हैं , नमस्कार | 

अप्रकाशित सत्य 1 , दिल्ली में ध्रुवीकारण किसने किया ? BJP ने या AAP ने

 11 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम देर साम तक पुर्ण रुप से सब के सामने आए जिसमें AAP को 62 , BJP को 8 एवं कांग्रेस को 0 सिटे मिली इसी के साथ माननीय अरविंद केजरीवाल का दिल्ली का तिवारा मुख्यमंत्री बनना निश्चित होगया है |

यू तो दिल्ली विधानसभा चुनाव में कई मुद्दे रहे जिसमे फ्री बिजली , पानी , स्कुल आदी पर इन सब में प्रमुख रुप से केन्द में रहा 'शाहिनबाग' | इसी शाहिनबाग का अपने भाषणों में गृहमंत्री अमित शाह एवं BJP के अन्य नेताओ के द्वारा जिक्र करने पर इसे मिडिया द्वारा यह कहा गया कि BJP ध्रुवीकारण करने कि कोशिश की मगर क्या यह आरोप सत्य है ? इस सबाल का कोई जबाब या निष्कर्ष जानने से पहले हमें शाहिनबाग के बारे में जानना पडे़गा |

आधारभुत रुप से शाहिनबाग को इसलिए जाना जाने लगा क्योकि वहा महिलाएं , बुजुर्ग महिलाएं एवं बच्चे CAA ( नागरीक्ता संसोधन कानुन ) तथा NRC ( जो कि अभी आयी नही है ) का विरोध कर रहे हैं मगर यहा से लगातार प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ मुसलसल बयानबाजी हो रही थी तथा बेब मिडिया एवं सोसल मिडिया में यह भी आया है कि 8 साल के मासुम बच्चे से प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्द कहलवाए जा रहे थे यह भी खबरों एवं मिडिया में है कि कई आपत्तीजनक एक धर्म विशेष कि घृणा से सने हुए पोस्टर भी लगाए गए थे जिनमें स्वास्तिक को आग लगाना , बिन्दी लगाए हुई महिलाओ को हिजाब में दिखाना आदि सामिल है और यह सब तब किया जा रहा था जब यह प्रदर्शन एक कानुन एवं एक प्रस्तावित कानुन के खिलाफ राजनीतिक प्रदर्शन कहा जा रहा था | और ऐसा भी नही है कि यहा केवस ऐसी महिलाएं है जिन्हे CAA और NRC का पुरा सच नही पता और वह किसी तरह कि गलतफहमी में विरोध प्रदर्शन कर रही हों बल्कि इसके ईतर यहा JNU , AMU के PHD एवं मास्टर्स के स्कॉलर तथा कांग्रेस पार्टी के नेता तक भाषण दे चुके हैं | यही नही AAP के विधायक उम्मीदवार अमानतुल्लाह खान का भी पुरा समर्थन था और असम को देश अलग करने कि बात कहने वाला हिरासत में लिया गया सर्जिल इमाम भी मिडिया के अनुसार अमानतुल्लाह खान के साथ देखा गया था | जिस शाहिनबाग में राजनीतिक विरोघ प्रदर्शन के चादर तले देश कि बहुसंख्यक आबादी के धर्म के प्रति , BJP के प्रति एवं देश के प्रति घृणा का एजेंडा चल रहा था | यह भी खबरों में हे कि शाहिनबाग में सभी तरह के पत्रकारों को भी जाने नही दिया जा रहा था और कुछ न्यंज चैनलों के पुरुष पत्रकारों के साथ साथ महिला पत्रकारों के साथ भी दुर्व्यवहार एवं मारपिट कि गई थी |

यह बात बहुत महत्वपूर्ण है कि बड़ों के विरोध प्रदर्शन में दो मासुम दुधमूंहे बच्चों कि मौत हो गई है जिनमें से एक बच्चा चार माह का था एवं एक बच्ची मात्र दो महिने कि थी इसी पर बाल अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुचा एवं अब मामला सुप्रीम कोर्ट नयायिक पथ पर है | शाहिनबाग के बेबुनियादी विरोध प्रदर्शन या एजेंडा कह लिजिए एक माह से ज्यादा वक्त से  आम आवा जाही में बाधा हो रही है |

लगातार BJP के भाषणों में शाहिनबाग का जिक्र होने पर अरविंद केजरीवाल निरंतर कहते रहे के गृहमंत्री अमित शाह को वहा जाना चाहिए ओर रास्ता खुलवाना चाहिए मगर वह खुद नही गए एवं एक स्थान पर हुई गोली चलाने कि घटना में AAP का सदस्य हि पकडा़ गया हिल्ली पुलिस एवं मिडिया खबरों के अनुसार और वैसे यह सच तो किसी से छुपा नही है कि केजरीवाल साहब कईयों बार मिडिया में आने के लिए एवं जनता कि सहानुभुति पाने के लिए खुद को थप्पड़ भी मरवा चुके हैं | तो यह सारी बातें स्वयं संकेत करती हैं कि केजरीवाल साहब तो खुद शाहिनबाग के साथ खडे़ नही हुए मगर उनकी पार्टी AAP और मनिस सिसोदिया मजबुती से शाहिनबाग के साथ खडे़ रहे | और जहा तक रही शाहिनबाग के विरोध प्रदर्शन नाटक के वास्तविक होने कि बात तो CAA और NRC का सच किसी से छुपा नही है |

और अब जब दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम आए हैं तो इस एजेंडे एवं ध्रुवीकारण का साफ और स्पस्ट असर देखा जा सकता है जहा आम आदमी पार्टी ( AAP ) के विॉधायक उम्मीदवार अमानतुल्लाह खान ने 76100 वोटों से जीत दर्ज कि है जो कि दुसरी सबसे बडी़ जीत है और इसी तरह का हाल बाकि के मुस्लीम बहुल सिटों का भी है | तो ध्रुवीकारण कि राजनीति किसकी थी और किसको इसका लाभ मिला है यह सत्य सब के सामने उजागर होगया है | अगर बात करें BJP कि तो BJP का मत प्रतिशत पहले के विधानसभा चुनावों से बेहतर होकर 38.4 % रहा जिका मतलब यह है कि BJP पुरी तरह से नकारी नही गई है और जिस तरह से BJP ध्रुवीकारण करने का आरोप तमाम चुनावों में चाहे वह जीते हो या हारे हो तमाम न्युज चैनलों , अखबारों ,  बेब न्युज पोर्टलों एवं सोसल मिडिया पर झेलती आयी है यह काबिले तारीफ है और जैसा कि चुनाव हारने वाली हर पार्टियां करती हैं BJP भी हार पर मंथन कर रही है और ध्रुवीकारण किए जाने और के फायदे नुकसान का सच सब के सामने है , नमस्कार |

Thursday, March 28, 2019

व्यंग, हमारे चौकीदार अंकल प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं


    सबसे पहले तो मुझसे उन्होंने यही कहते हुए बात करना शुरू किया कि 'मै चोर नही हूं , सारे चौकीदार चोर नही होते | तो मैने उनके मन के भाव समझकर उन्हें दिलासा देते हुए कहा के हमे आप पर पुरा भरोसा है आखिर आप कई बरस से हमारे मोहल्ले की चौकीदारी कर रहे हैं और आपके रहते कोई दस हजार करोड़ तो क्या दस रुपये तक लेकर नही भाग पाया है |

      थोडा बहोत हंसी ठिठोली का माहौल बना तो चौकीदार अंकल ने कहा के मै भी प्रधानमंत्री बनना चाहता हूँ और हम सब खिलखिला कर हंस पड़े और वो भी मुस्कराते रहे |

    लेकिन जब मै घर आया तो सोचने लगा के चौकीदार अंकल के जुमले में दम तो है | जब प्रधानमंत्री , प्रधानमंत्री होकर चौकीदार बन सकते हैं तो आखिर एक चौकीदार प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकता और इनके पास तो चौकीदारी का अनुभव भी है शायद अब और कोई दस बारह हजार करोड़ लेकर फिर न भाग जाए |

    गरीबी , बेरोजगारी , जनसंख्या बुद्धि , किसान आत्महत्या , दहेज , कन्या भ्रूण हत्या जैसी विसाल समस्याओं का निवारण कर सके जो हमारे देश का विकास कर सके ऐसा व्यक्ति हमारे देश का प्रधानमंत्री होना चाहिए |