Wednesday, October 14, 2020

अप्रकाशित सत्य 10 , हमें क्यों नही पढा़या जाता 8वी तथा 9वी शताब्दी का इतिहास ? , क्या आप जानते हैं भारत में 8वी तथा 9वी शताब्दी में क्या हुआ था ? , 8वी तथा 9वी शताब्दी का इतिहास क्या है ?


     अपनी मध्य प्रदेस लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परिक्षा 2019 तथा केन्द्रीय लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परिक्षा 2020 की तैयरी करने के दौरान मैने जब इतिहास विष्य को गहन रुप से पढ़ना आरंभ किया तो यह पया कि हमारे इतिहास कि किताबों में से करीब 270 सालों का इतिहास नदारद है वह भी मुल रुप से उत्तर भारत का इतिहास , यह भारत का वही कालखंण्ड है जब अरबों ने उत्तर भारत पर एक सफल आक्रमण कर लिया था | तो आखिर ऐसा क्या हुआ है इन 270 वर्षों में जिसे हम भारतीयों से पुरी तरह से छुपाया गया है इतिहासकारों के द्वारा और क्यों ?

     भारत पर प्रथम सफल अरब आक्रमण 712 ई में मोहम्मद बीन कासिम ने भारत के सिंध राज्य पर किया था | इस समय यहां के राजा , राजा दाहीरसेन थे इन्होने इससे पुर्व मोहम्मद बीन कासिम के तीन आक्रमणों को बिफल किया था | वर्तमान में सिंध प्रात पाकिस्तान का हिस्सा है | 712 ई का सिंध प्रात वर्तमान सम्पुर्ण सिंध तथा बलूचिस्तान के कुछ हिस्से एवं अफगानिस्तान के कुछ हिस्से तक फैला था | राजा दाहीरसेन ने ही ईस्लाम मजहब के आखरी पैगम्बर मोहम्मद साहब के बचे हुए परिवार को अपने राज्य में शरण दिया था तथा उनकी सुरक्षा करने का भरोसा दिलाया था और जब मोहम्मद बीन कासिम ने सिंध पर चौथी बार अत्याधिक सेना बल के साथ आक्रमण किया तो वह अपने राज्य और शरणार्थीयों को बचाते हुए बीरगती को प्राप्त हुए | मोहम्मद बीन कासिम ने राजा के पुरे परिवार को मार डाला और उनकी बेटियों को अरब लेजाकर वेश्यालयों में बेच दिया पुरे राज्य में लाखों की तादाद में हत्याए , बलात्कार , जबरन धर्म परिवर्तन कराए गए | मगर इससे भी दुख की बात ये है कि आज के इतिहास में इस महान राजा के बारे में ये लिखा गया है कि यह एक कमजोर राजा था जो आपसी मदभेदों से उबर नही पा रहा था और हमले को नाकाम करने में बहुत निर्बल था | बस कुछ पंक्तियों में वर्णित इस एक घटना के अलावा भारत में अरब आक्रमण से संबंधित कोई अन्य घटना एवं जानकारी ढुढ़ने पर भी नही मिलती , इतिहास कि किताबों में सिधे इसके बाद 920-21 ई के तुर्क आक्रमण का उल्लेख मिलता है जिसमे गजनी के शासक सुबुक्तगीन ने हिन्दूशाही राज्य पर आक्रमण करके काबुल पर अधिकार कर लिया था | ऐसा मैं तीन से चार इतिहास कि किताबों कों पढने के बाद तथा कई घंटों तक गुगल पर रिसर्च करने के बाद लिख रहा हूँ | 

      यहां मेरा सबाल ये है कि क्या 712 ई से लेकर 920 ई के मध्य में उत्तर भारत में कोई आक्रमण नही हुए ?  , कोई बडी़ घटना नही घटी ? और यदि ऐसा है , तो ऐसा कैसे हो सकता है ? क्योंकि 270 से भी अघिक वर्षों में ये संभव नही है | इन सवालों के मेरे मन में उठने के पिछे कि वजह ये है की 712 ई में अरब से आए मोहम्मद बीन कासिम ने सफलता पुर्वक सिंध पर आक्रमण कर लिया था तो वह केवल सिंध तक ही रुका हो यह बहुत मुस्किल है और उसकी सफलता पुर्वक आक्रमण से प्रोतसाहीत होकर कोई अन्य अरब आक्रमणकारी भारत पर आक्रमण करने न आया हो यह भी नामुकिंन है क्योंकि इतिहास में ऐसा कभी नही हुआ | 

      हमारे इतिहास कि किताबों से 270 सालों से भी अधिक के अरब आक्रमण के इतिहास को सामिल न करने की क्या वजह है इसका सवाल तो हमारी सरकारों से पुछा जाना चाहिए जो किताबों की विषयवस्तु निर्धारित करतें हैं खास तौर पर विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में पढा़ई जाने वाली इतिहास कि किताबें का या उन इतिहासकारों से पुछा जाना चाहिए जिन्हेनें ये इतिहास कि किताबे लिखीं हैं | मगर मुझे लगता है की जल्द से जल्द इस कालखंण्ड के इतिहास को इतिहास कि किताबों में जोडा़ जाना चाहिए क्योंकि यह पुरे देश के साथ एक तरह का बौद्धिक धोखा है छल है | अपने देश के समपुर्ण इतिहास को जानना हर देशवासी का हक है चाहे वह इतिहास अच्छा हो या बुरा | एक निवेदन करना चाहूँगा के यदि आपको इस कालखंण्ड के इतिहास के संबंध में कोई जानकारी है तो मुझसे साझा करने की कृपा करें | 


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