Wednesday, January 2, 2019

संस्मरण , कादर खान साहब

   
संस्मरण , कादर खान साहब
    मैने कादर खान साहब को सबसे पहले एक फिल्म में देखा था जिसमे वह घरजमाई का किरदार निभा रहे थे , उसके बाद उनकी एक और फिल्म देखी जिसमे उन्होने एक अमीर होटल कारोबारी का किरदार निभाया था | इन दोनों फिल्मों को देखते वक्त कादर साहब के किरदारों को देखकर मुझे बड़ी हंसी आयी थी इसके बाद मैने तय कर लिया था कि टीवी पर जब भी इस आदमी की कोई फिल्म आएगी तो मै जरूर देखुंगा |

      नव वर्ष के पहले ही दिन जब मैने ये खबर सुनी की कादर साहब नही रहे तो मुझे यकीन ही नही हुआ मगर दिन कि साम होते होते भरम टूट गया |कॉमेडी के अपने अलग ही अंदाज से हम सब को हंसाने वाला गुदगुदाने वाला नही रहा |

     वक्त बदलता है अपनी गति से आगे बढ़ता रहता है मगर हमेसा अपने बदलने का निशान छोड़ जाता है |अपने निभाए सैकड़ों किरदारों के जरिए कादर खान साहब हमेसा हमारे बिच रहेंगे और हमे याद आते रहेंगे |
     
        जितना कादर साहब को मैने फिल्मों में देखा है उसके अनुसार कह रहा हूं के कादर साहब की एक बहोत बड़ी खासियत यह रही कि उन्होने जितने भी किरदार अदा किए उन्हें हमेशा के लिए जीवंत कर दिया | कादर साहब का अभिनय दिलों पर छाप छोड़ देने वाला रहा | कादर साहब मनोरंजन जगत सदा आपकी कमी महसूस करेगा |

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       मेरा ये लेख आपको कैसा लगा है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा |  एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें  अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |

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