Sunday, January 20, 2019

स्तंभ खुशमिजाज़ी, प्यार में सब कुछ जायज नही होता

   एक बहुत पुरानी कहावत है जिसे आपने अक्सर सुना होगा, ‘प्यार अंधा होता है ‘ | मै ये मानता हूं कि प्यार अंधा हो ही नही सकता क्योंकि जो प्यार अंधा हो जाए वह प्यार प्यार नही स्वार्थ होता है |

    एक और मिथ्या कहावत है कि, ‘प्यार और जंग में सब कुछ जायज है ‘| मगर सब कुछ जायज नही है | अक्सर ये होता है की प्यार में लोग इस हद तक चले जाते हैं की खुद का एवं अपने प्रेमी का शारिरीक एवं मानसिक नुकसान करते हैं चाट पहुंचाते हैं कानून हाथ में ले लेते हैं जिसे किसी भी तरह से जायज नही ठहराया जा सकता है |

    प्यार का असली मक़सद खुशीयां बांटना है किसी और की खुशीयां छीनना नही है | अगर आपको ऐसे किसी इंसान से प्यार हो जाए जो पहले से ही किसी और के साथ रिश्ते में है तो उसे अपनी दिल की बात बताने से पहले दस बार ये जरूर सोचे की आपके बताने के बाद उसकी जिंदगी पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा |

   यदि आपने अपने दिल की बात कह दी है और दूसरी तरफ से आपके लिए जबाब ना में आता हैं तो आप किसी भी तरह से अपने प्रेमी पर अपना प्यार थोपने की कोशिश ना करें | प्यार में हमेसा अपने स्वार्थ से उपर उठाकर सोचे |
   प्यार बहोत खुबसुरत है | प्यार को प्यार के नाम पर बदनाम ना करें | प्यार को महसूस करें और यह सुनिश्चित करें की जिससे आप बेहद प्यार करते हैं वह हमेशा खुश रहे |

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    इस स्तंभ को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार | 

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