Wednesday, December 16, 2020

अप्रकाशित सत्य 15 , अनुच्छेद 48 क्या है ? क्या अनुच्छेद 48 गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने की बात कहता है ? किन किन राज्यों में है गो हत्या पर पुर्ण प्रतिबंध और किन किन राज्यों में हो रही है गो हत्या ? आइए विस्तारपुर्वक चर्चा करें |

अनुच्छेद 48 क्या है ?

     भारत का संविधान भारत के लोकतंत्र का आधार स्तंभ है | अनुच्छेद 48 हमारे संविधान के भाग 4 राज्य की नीति के निर्देशक तत्व में वर्णित कई अनुच्छेदों मे से एक है | भारत के संविधान में उल्लेखित यह निर्देशक तत्व भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकार नही हैं इसका मतलब यह है कि कोई भी भारतीय नागरिक इनकी सुरक्षा के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा नही खटखटा सकता है | संविधान के अनुसार राज्य , राज्य की नीति के निर्देशक तत्व में वर्णित अनुच्छेदों को लागु करने के लिए बाध्य नही हैं |

क्या अनुच्छेद 48 गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने की बात कहता है ?

     अनुच्छेद 48 के अनुसार 'कृषि और पशुपालन का संगठन-राज्य , कृषि और पशुपालन को आधुनिक और वैज्ञानिक प्रणालियों से संगठित करने का प्रयास करेगा और विशिष्टतया गायों और बछडो़ तथा अन्य दुधारु और वाहक पशुओं की नस्लों के परिरक्षण और सुधार के लिए और उनके वध का प्रतिषेध करने के लिए कदम उठाएगा' |

     यदि आप इस अनुच्छेद को ध्यान पुर्वक पढे़गे तो पाएंगे कि यह अनुच्छेद भारत के सभी राज्यों को यह निर्देशित करता है कि सभी राज्य गायों और बछडो़ तथा अन्य दुधारु और वाहक पशुओं की नस्लों के परिरक्षण और सुधार के लिए और उनके वध का प्रतिषेध करने के लिए कदम उठाए |

भारतीय संस्कृति में गाय की महत्ता :-

     बैदिक काल से लेकर आज तक स्नातनी हिन्दू गाय की पुजा करते आ रहे हैं और शिर्फ हिन्दू ही क्यों बौद्ध , जैन और सिख भी गाय की पुजा करते हैं सम्मान करते हैं और गाय को मां का दर्जा प्रदान करते हैं | गाय को धन , शांति और सुख समृद्धि का प्रतिक माना जाता है और इसके दुध को अमृत माना जाता है | आज भी भारत में करोडो़ परिवार ऐसे हैं जिनकी आय गाय अथवा भैस का दुध बेचकर या दुध से बनने वाले उत्पादों को बेचकर प्राप्त होती है | हममे से कई लोग बचपन में अपनी मां के दुध के साथ साथ गाय का निर्मल दुध पीकर बडे़ हुए हैं या हो सकता है कि आज भी आप दुध खाते हो या पीते हो |

भारत के किन किन राज्यों में है गो हत्या पर पुर्ण प्रतिबंध ?

     भारत के इन 10 राज्यों हिमाचल प्रदेश , पंजाब , हरियाणा , उत्तराखंण्ड , उत्तर प्रदेश , राजस्थान , गुजरात , मध्य प्रदेश , महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ में गो हत्या पर पुर्ण प्रतिबंध लागु है | भारत में इन चार केन्द्र शासित प्रदेशों दिल्ली , चंडीगढ , जम्मु कश्मीर तथा लद्दख में भी गो हत्या पर पुर्ण प्रतिबंध लागु है |

भारत के इन 8 राज्यों बिहार , झारखंड , ओडिशा , तेलंगाना , आंध्रप्रदेश , तमिलनाडु , कर्नाटक तथा गोवा में गो हत्या पर आंशिक प्रतिबंध लागु है | इन 8 राज्यों के साथ साथ 3 केन्द्र शासित प्रदेशों दादर और नगर हवेली दमन और दीव , पांडिचेरी तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समुह में भी आंशिक रुप से गो हत्या पर प्रतिबंध लागु है |

भारत कें किन किन राज्यों में हो रही है गो हत्या ? 

     भारत में इन 10 राज्यों असोम , केरल , बंगाल , अरुणाचल प्रदेश , मणिपुर , मेघालय , मिजोरम , नागालैंड , त्रिपुरा तथा सिक्किम में गो हत्या पर कोई प्रतिबंध लागु नही है | यानि इन राज्यों में गो हत्या करने , बीफ खाने तथा बेचने पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नही है ना राज्य में इसे प्रतिबंधीत करने को लेकर कोई कानून है | इसी तरह का एक मात्र केन्द्र शासित प्रदेश लक्षदीप है जहा गो हत्या पर कोई प्रतिबंध लागु नही है ना तो बीफ खाने और बेचने पर है |

     यदि आप गौर करेंगे तो पाएंगे की जिन राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में गो हत्या तथा बीफ खाने एवं क्रय विक्रय करने पर कोई प्रतिबंध नही है 2011 कि जनगणना के अनुसार इन राज्यों की बहुसंख्यक आबादी या तो ईसाई है या तो मुस्लिम है | ऐसा नही है कि इन राज्यों में केवल बीफ ही आहार का एक मुख्य जरिया हो इसके उलट यहा गायों के अलावा सुअर , भैस , कुत्ते , टर्की , बतख , सांप , भेंड़ , बकरी आदि का मांस भी काफी मात्रा में खाया जाता है |

     कई वैज्ञानिक शोधों से ज्ञात हुआ है कि गाय का दुध बहुत ही पौष्टीक आहार है जो मानवों को कई जानलेवा बिमारीयों से बचाने की शक्ति शरीर को प्रदान करता है | और केवल दुध ही नही गाय के दुध से बनने वाले अनेक भोज्य पदार्थ जैसे घी , माखन , दही , छाछ , खोया , योगट , पनीर आदि मानव शरीर के विकास तथा स्वास्थ के लिए बहुत लाभदायक हैं | यह सारे भोज्य पदार्थ इतने स्वादीष्ठ तथा लाभदायक हैं कि इनके सम्मुख बीफ खाने से मिलने वाला स्वाद तथा पोषण ना के बराबर है |


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