Thursday, March 28, 2019

व्यंग, हमारे चौकीदार अंकल प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं


    सबसे पहले तो मुझसे उन्होंने यही कहते हुए बात करना शुरू किया कि 'मै चोर नही हूं , सारे चौकीदार चोर नही होते | तो मैने उनके मन के भाव समझकर उन्हें दिलासा देते हुए कहा के हमे आप पर पुरा भरोसा है आखिर आप कई बरस से हमारे मोहल्ले की चौकीदारी कर रहे हैं और आपके रहते कोई दस हजार करोड़ तो क्या दस रुपये तक लेकर नही भाग पाया है |

      थोडा बहोत हंसी ठिठोली का माहौल बना तो चौकीदार अंकल ने कहा के मै भी प्रधानमंत्री बनना चाहता हूँ और हम सब खिलखिला कर हंस पड़े और वो भी मुस्कराते रहे |

    लेकिन जब मै घर आया तो सोचने लगा के चौकीदार अंकल के जुमले में दम तो है | जब प्रधानमंत्री , प्रधानमंत्री होकर चौकीदार बन सकते हैं तो आखिर एक चौकीदार प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकता और इनके पास तो चौकीदारी का अनुभव भी है शायद अब और कोई दस बारह हजार करोड़ लेकर फिर न भाग जाए |

    गरीबी , बेरोजगारी , जनसंख्या बुद्धि , किसान आत्महत्या , दहेज , कन्या भ्रूण हत्या जैसी विसाल समस्याओं का निवारण कर सके जो हमारे देश का विकास कर सके ऐसा व्यक्ति हमारे देश का प्रधानमंत्री होना चाहिए |

व्यंग, EVM पुराण


   'आज बहस छिड़ गई , इस बात को लेकर कि EVM हैक हो सकती है या नहीं? क्योंकि मुझे चुनाव आयोग पर पुरा भरोसा है इसलिए मै उन दोस्तों के साथ था जो यह कह रहे थे की EVM हैक नही हो सकती है | क्योंकि मेरे सारे दोस्त और मै हम सब कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के विद्यार्थी हैं तो EVM कैसे हैक हो सकती है सब के अपने अपने विचार थे | विचार से याद दिलाना चाहूंगा के चुनाव होने के दौरान आचार संहिता नामक कुछ चीज भी लागू होती है ऐसा हमारे देश में कुछ नेताओ को चुनाव हारने के बाद पता चलता है

    खैर EVM हैक करने के लिए किसी ने कहा कि हर बटन के कोड को डिफॉल्ट सेट किया जा सकता है किसी ने कहा डेटा बेस को एक ही फिल्ड स्टोरेज के लिए लॉक किया जा सकता है किसी ने कहा साफ्टवेयर को एक्सटर्नली कंट्रोल किया जा सकता है और भी इसी तरह के सुझाव बहस में शामिल होते रहे | क्योंकि सब के सब कंप्यूटर के विद्यार्थी इसीलिए सारे सुझाव कंप्यूटर की टेक्नोलॉजी पर ही थे |

   'पर तभी किसी दोस्त ने कहा , कि EVM बनाने वालों को भी तो हैक किया जा सकता है और अपने काम लायक EVM बनवाई जा सकती है | ये बहस में एक नयी बात थी और एक ऐसी बात भी जिस पर कोई कुछ कह ही नही पाया और बहस का अंत भी प्याली में चाय के अंत के साथ होगया |

    मगर सोचने वाली बात तो ये है कि ये जो EVM पुराण है इसे हारने बाले दल कब तक गाते रहेंगे और आम आदमी का ध्यान आधारभूत समस्याओं से भटकाते रहेंगे कब तक आखिर कब तक जनता जबाब चाहती है |

Friday, March 15, 2019

लेख, कल्पना और ज्ञान में क्या अंतर है

    दरअसल ज्ञान और कल्पना एक ही सिक्के के दो पहलू जैसे प्रतित होते हैं | दोनों में से कोन बड़ा है ये कहना मेरे लिए बड़ा ही कठिन है |

     ये कहने के पीछे की ज्ञान और कल्पना एक ही सिक्के के दो पहलू हैं मेरा एक तर्क हैं | मुझे ये लगता है कि ज्ञान के होने के पीछे हमारी कल्पनाओं का ही योगदान हैं यदि हम किसी चीज को देखकर उसके बारे में कल्पना नही करते तो मन में जिज्ञाशा नही पैदा होती और यदि जिज्ञाशा नही होती तो हम न तो किसी चीज के बारे में जानने की कोशिश करते और न जान पाते

     इसे मै इस तरह से कहता हूं कि अगर किसी ने ऐसे किसी यंत्र की कल्पना नही कि होती कि जिससे एक स्थान पर रह रहा आदमी किसी दूसरी जगह रह रहे आदमी से बात करले तो शायद हमे कभी टेली फोन नही मिलता अगर किसी इंसान ये कल्पना नही की होती कि हम परिंदो की तरह एक स्थान से दूसरे स्थान तक उड़कर जाए तो कभी शायद हमे हवाई जहाज नही मिलता और ना ही हम अब तक इसके बारे में कुछ भी जानते |

     तो कल्पना को आविष्कार और ज्ञान दोनों कि जन्मदाता कह सकते हैं |

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स्तंभ दरार, प्यार के लिए सबसे जरुरी चीज ये है

     यू तो प्यार से खुबसुरत चीज इस दुनिया में कोई हो ही नहीं सकती ना है | क्योंकि अगर आपके जीवन में प्यार है तो आपका जीवन चाहे जिन भी हालातो से होकर गुजरे आप हर मुश्किल का सामना कर सकते हैं |

     अगर आप अपने प्यार को हमेसा के लिए बरकरार रखना चाहते हैं तो मेरी एक बात गांठ बांध लीजिए, ‘अपने प्यार का भरोसा कभी मत तोडिए और अपने प्यार पर भरोसा कीजिए' | ये बातें सबसे ज्यादा जरुरी है |

     अगर आपको कभी अपने प्यार की वफादारी और इमानदारी पर शक होता है तो सुनी सुनाई बातों मे आकर गलत फैसले करने से पहले मामले की भली भाँति जांच पडताल करलें और मुनासिब होगा की अपने प्यार से भी आमने सामने की बात करलें ताकि किसी भी फैसले को लेकर आपको बाद में पछताना ना पड़े | ये ध्यान रखे की गलतफहमीयों का टुटना दिल और घर टूटने से बचाने के लिए बेहद जरुरी है |

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स्तंभ जीवन मूल्य, दुखों से बचने का तरिका क्या है

      दुःखो का उदासी से बड़ा पुराना रिश्ता है | बस यू समझिए की दुःखों की शुरुआत की वजह ही उदासी है | जब कोई काम हमारे पसंद का नही होता तो हम उदास होते हैं मतलब दुःखी होते हैं |

       अगर अपने दुखों से बचना चाहते हैं तो उदास होना छोड़ दीजिए | चाहे आपके जीवन में कुछ भी हो उदास मत रहीए | जैसे कि मैने पहले भी कहा है असफलता कभी हार नही होती बल्कि बेहतर बनने की सिख होती है | चाहे बेमन का काम कर रहे हो या जीवन जी रहे हो उदास होकर दुखी होने से बेहतर है की उसे बेहतर एवं अपने मन लायक बनाने कि कोशिश करें |

    खुद को दुःखो से दुर रखना है तो खुद को खुश रखिए | या खुद को खुश रखने की कोशिश करिए दुःखो का साया आपके जीवन से खुद ब खुद हट जाएगा | हर दर्द का अंत होता है और हर रात की एक सुबह होती ही है यही जिंदगी है |

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लेख, इतिहास में सबसे बड़ा दानी कौन

      हमारे भारत भूमि को परोपकार की भूमि कहा जाता है | यू तो मैं ने कई दानवीर राजाओं के बारे में सुना हैं मगर यहां मैं केवल दानवीर कर्ण का उल्लेख करना चाहूंगा |

        जितना मैं ने पढ़ा है, सुना है और टीवी सीरियलों के माध्यमों से देखा है उतना मै आपको दानवीर कर्ण के बारे मे विस्तार से बता रहा हूं :-

      कर्ण पांडवों की मां यानी कुंती के पहले बेटे थे जिन्हें माता कुंती ने अपने विवाह से पहले ही जन्म दिया था | कर्ण के जन्म के बाद समाज में बदनाम होने के भय से कर्ण को जल में प्रवाहीत कर दिया था |

      जल में प्रवाहीत कर्ण को एक किसी गरीब वंचित वर्ग के लोगों ने पाया एवं उन्हीं में से एक दंपति ने कर्ण का लालन पालन किया | फिर कर्ण जब बहे हुए तो उन्होने परमवीर परशुराम से युद्ध कौशल सिखा |

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स्तंभ जीवन मूल्य, कड़ी मेहनत के बाद भी असफल क्यों होते हैं

     मुझे लगता है कि असफलता आपको कभी कमजोर नही बनाती बल्कि हर बार आपको आपके पीछे मिले अनुभव से कुछ बेहतर बनाती है | असफल होने का बिलकुल भी ये मतलब नही है कि आप हार गए हैं बल्कि ये मतलब है कि जो आपसे जीता है वो आपसे ज्यादा बेहतर है और आपको भी अगर जीतना है तो जो जीता है उससे बेहतर होना पड़ेगा |

     सच पुछीए तो असफलताएं हमेशा इंसान के भले के लिए ही होती हैं अब इंसान चाहे उसे कुछ भी समझे और जो चीज आपकी बेहतरी के लिए है उससे डरना कैसा |

    आप एक ही सुरत में असफलताओं से डर सकते हैं अगर आप कड़ी मेहनत करने से डरते हैं तो , वरना जो मनुष्य कड़ी मेहनत से नही डरता उसके लिए कोई असफलता ईतनी बड़ी हो ही नही सकती की बह अपने उद्देश्य में सफल न हो पाए |

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संस्मरण, स्कूल के दिन

    ज़िन्दगी कभी अगर यू हो जाती की हम जब चाहते तब अपने बीते हुए कल में चले जाते और जब चाहते तब आने वाले कल में चले जाते तो मैं अपने स्कूल के दिनों में वापस जाना चाहूंगा |

     मुझे मेरे स्कूल के दिनों की कई बातें याद आती हैं मुझे सबसे बड़ी तो यह है कि मुझे उस वक्त मेरी पढाई बोझ नही लगती थी बल्कि उस वक्त तो पढना बेहद भाता था | आज तो ये हो गया है कि केबल अच्छे नंबर हासिल करने के लिए इल्जाम के आखिरी महीनों में पढाई होती है | जब लंच टाइम होता था सब एक साथ बैठकर और बाटकर खाना खाते थे, आपस में खूब लडते और फिर दोस्त बन जाते थे |

      और सबसे बड़ी बात ये है कि मैं छुट्टी के दिनों को छोड़कर रोज स्कूल जाया करता था और बेहद खुशी से जाया करता था | और आज महीने में एक दिन कॉलेज जाना भी इतनी बड़ी बात हो गयी है कि जैसे हिमालय चढना हो |

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लेख, हर चीज का जानकार नही समझदार बनो


   कोई इंसान सब कुछ जानले ये किसी इंसान के लिए नामुमकिन है इस दुनियां में हर चीज केवल ईश्वर जान सकते | एक इंसान हर चीज जान पाए ये संभव हो या ना हो मगर एक इंसान बहोत कुछ जान सकता है |

         ये दुनियां इतनी विभिन्नओ से भरी है | इतना बड़ा जनसंख्या घनत्व है इतने सारे देशों का भूत वर्तमान इतने विषय मनोरंजन खेल व्यापार आदी कि ये सब कुछ एक माया जाल के जैसा लगता है |

     जानकार और समझदार होने में फर्क होता है | जानकार इंसान केवल एक या दो विषय का हो सकता है मगर समझदार इंसान तो कई विषयों का हो सकता है | इसलिए जरुरी ये है कि हर चीज जानने से ज्यादा हर चीज समझने की कोशिश करें |

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