Friday, September 11, 2020

अप्रकाशित सत्य 4 , कंगना कि ललकार और बॉलीवुड की हिंदू घृणा का कारण और विश्लेषण


       कहा जाता है कि भारत में हर साल करीब 1000 फिल्में रिलिज होती हैं जो विभिन्न भाषाओं कि होती हैं पर एक भाषा है जो देश में सर्वाधिक बोली जाती है और वो है 'हिंदी' | इस भाषा की फिल्में बनाने वाली ईकाइयों को एक रुप में बॉलीवुड कहा जाता हैं | यहां तरह तरह की फिल्में बनती हैं और बनाते हैं कुछ खास फिल्मी घराने जिन्हे बैनर भी कहा जाता है जैसे आपने नाम सुना होगा कपुर्स , खांस , चोपडा़स आदि | और इन फिल्मों में जो मुख्य अभिनेता या अभिनेत्री होती हैं अमुमन इन्ही घरानों के बच्चे होते हैं "यहां आप इस बात का ध्यान रखें के यहां फिल्मों कि बात हो रही है टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिकों की नही" | 

        हां यह भी संभव है कि कभी कोई गैर फिल्मी परिवार का अभिनेता या अभिनेत्री भी फिल्मों में मुख्य भुमिका में दिख सकते है मगर यह बहुत कम देखने को मिलता है | और इन गैर फिल्मी परिवार के अभिनेताओं और अभिनेत्रीयों को बॉलीवुड में एक शब्द से संबोधित किया जाता है वो है 'आउटसाइडर्स' , जिसका मतलब है बाहर से आया हुआ | ये कुछ इसी तरह का संबोधन है जैसे आप ये कह रहे हो कि तुम में और मुझमें बहुत अंतर है | यदि आप कहना चोहें तो बॉलीवुड को परिवारवाद का सबसे अच्छा उदाहरण कह सकते हैं | और आज कंगना रनोत जो सुशांत के लिए इंसाफ की मांग कर रहीं हैं और लगातार मुंबई पुलिस के महाराष्ट सरकार की मंसा पर सवाल उठा रहीं हैं बॉलीवुड में ड्रग्स के चलन की बात पुरजोर तरिके से रख रहीं हैं वह इसे परिवारवाद पर प्रहार कि तरह देखा जा रहा है | और जब से सुशांत के हत्या कि जांच सीबीआई को गयी है तब से महाराष्ट की सरकार कंगना से बदले कि कार्यवाही कर रहें हैं और इसी कडी़ में 9 सितंबर को कंगना का ऑफिस तोडा़ जा चुका है और महाराष्ट सरकार के इशारे पर बीएमसी की यह कार्यवाही बहुत निंदनीय हैं |

       बॉलीवुड कि ज्यातर फिल्मों कि कहानी में प्रेम अलगाव और हिंसा दिखाई जाती है पर इसमें भी जो मुख्य रुप से एक चीज दिखाई जाती है वो है हिन्दु धर्म और उसके प्रति घृणा | इस तथ्य को समझने के लिए आपको अपने मस्तिष्क पर थोडा़ जोर डालना होगा और ये सोचना होगा के क्या आपने ये दृश्य नही देखा जहां एक आदमी माथे पर चंदन लगाए एक युवती का शारिरीक शोषण करने कि कोशिश कर रहा है , कोई साधु कहीं एक महिला का बलात्कार कर रहा है , एक अमिर साहुकार है और वह बच्चों से काम करवा रहा है या किसी विधवा लाचार महिला से पैसे उधार देने के बदले कंगन गिरवी रखवा रहा है और वही एक खान चाचा है जो बच्चें को खाना खिला रहा है ,  कोई अब्दुल भाई है जो गरिबों का मुफ्त में इलाज कर रहा है | यह सारे दृश्य हिंदी फिल्मों में आम बात है और यही वो तरिका है जिससे लगातार हिन्दु धर्म का अत्याचारी और धोखेवाज तथा एक मजहब को महान प्रस्तुत करने कि कोशिश हो रही है |

      अब आप स्वयं सोचकर देखें कि इन दृश्यों मे से कितने दृश्य सही लगते हैं और कितने गलत ? पर फिर भी लगातार ऐसे दृश्य दिखाए जा रहें हैं | और वही दुसरी तरफ आतंकवाद , जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद आज के समाज की सच्चाई हैं | पर ये दृश्य फिल्मों और वेब सिरिजों से गायब मिलते हैं |

      हम यदि इसी वर्ष की बात करें तो 2020 में हि ऐसी कई फिल्में और बेव सिरिज हैं जो हिन्दु घृणा से भरे पडे़ हैं जैसे एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हुई बेव सिरिज 'पाताल लोक' , डिज्नी प्लस हाटस्टार पर रिलिज फिल्म सड़क 2 , एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हुई बेव सिरिज 'आश्रम' आदि | ये तो बस कुछ ही नाम हैं और ऐसी न जाने कितनी चीजे रोज युवाओ के सामने आ रही हैं और युवा इन्हे ही देखकर अपना नजरिया हिन्दु धर्म के बारे में बनाने के लिए विवश हैं क्योंकि उनके पास सही हिन्दुत्व की अवधारणा पहुच ही नही रही है |

  अब सवाल ये खडा़ होता है कि ऐसा किया क्यों जा रहा है तो इसकी बहुत सी बजहें हो सकती हैं | पहला तो ये है कि यह एक तरह के तुष्टीकरण की राजनीति है जो देश की सबसे पुरानी पार्टी से प्रभावित लोग करते हैं और दुसरी और सबसे बडी़ वजय है मजहबी कारण , क्योंकि सत्तर से अस्सी प्रतिशत बॉलीवुड एक विशेष मजहब को मानने वाला है तो उनकी विचारधारा ये है कि हम संख्यां में पुरे देश में हिन्दुओ से कम हैं और हम गजवा-ए-हिंद जो इनका वर्षों पुराना ख्वाब है कर नही सकते तो हमें इन्हें इसी तरह से निचा दिखाते रहना है ताकि इनकी युवा पीढी़ स्वयं ही अपने धर्म से शर्मिंदा हो और खुद ही अपना धर्म छोड़कर उन्हीं के मजहब को अपना ले | और तिसरी वजय हिन्दुओ का अत्याधिक उदासिन होना भी हो सकता है जिससे इन्हे इस बात का विश्वास है कि चाहे हम हिन्दु धर्म के बारे में कुछ भी दिखा दें कोई हमसे सवाल पुछनेवाला नही है |


Saturday, September 5, 2020

अप्रकाशित सत्य 3 , आतंकवादीयों , अलगाववादीयों और अपराधियों को टीवी चैनलों की सहानुभुति और मिडिया ट्रायल का सच

     पिछले कुछ वर्षो से हम देख रहें है कि कुछ टीवी चैनल आतंकवादीयों , अलगाववादीयों और अपराधियों को पत्रकारिता के नाम पर अपना मंच प्रदान करते आए हैं और न शिर्फ मंच प्रदान करते हैं बल्कि बाकायदा उनका महिमामंडन भी करते है राष्ट की जन भावना के साथ खिलवाड़ करते आए हैं तथा अपराधियों के अपराथ को सामान्यीकृत करने का प्रयास करते आए हैं और इसका हालिया उदाहरण सुशांत सिंह राजपुत के केस में देखने को मिला जब एक तथाकथित बडे़ चैनल ने इस केस कि मुख्य आरोपी को बैठाकर हास्यास्पद सवाल पुछे और मुख्य आरोपी को पुरा समय दिया जिससे वह पिड़ित पर ही संगीन आरोप लगा सके और उसका चरित्र हनन कर सके और न सिर्फ पिड़ित बल्की उसके पुरे परीवार पर आरोप लगा सके और उनका भी चरित्र हनन कर सके | यह बहुत दुर्भाग्यपुर्ण है |


     अब यदी हम इस बारे में और चर्चा करें तो कुछ ही दिन पहले दिल्ली दंगे के मुख्य आरोपियों में से एक को उसी तथाकथित बड़े टीवी चैनल ने स्थान दिया था यही नहीं इसी टीवी चैनल ने कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा मारे गए एक आतंकवादी के बारे में बताया था की वह गणित का शिक्षक था और भी कई घटनाएं बताकर उसके आतंकवादी होने के गुनाह को सामान्यीकृत करने का प्रयास किया | मुझे याद है कि जब निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाया गया था तो एक इसी तरह के न्युज चैनल और उसके पत्रकार ने अपराधियों की रात से लेकर सुबह फांसी पर चढने तक की कहानी बताई थी जिसमें वह यही भी बता रहा था की किस तरह से फांसी वाली रात को किसने खाना खाया था नही खाया था या उन्हे फांसी पर चढा़ने ले जाते वक्त वो फुट फुट कर रो रहे थे | यहां मेरा सवाल इन टीवी चैनलों से ये है कि आप ये बताकर साबित क्या करना चाहते है कि देश उन बलात्कारियों कि फांसी पर रोए या न्यायालय नें उन्हें फांसी कि सजा देकर कोई गुनाह कर दिया है | मुझे यह लगता है कि इन टीवी चैनलों से ऐसे सवाल पुछे जाने चाहिए |


      इसलिए अब समय आ गया है कि इन टीवी चैनलों का पुर्णतय बहिस्कार करके इन्हे सत्य से और राष्ट की जन भावना से अवगत कराया जाए | वरना ये टी आर पी के भुखे चैनल इसी तरह से सत्य को एवं राष्ट को हानी पहुचाते रहेंगे | सच तो ये है कि ऐसे चैनल केवल अपनी वामपंथी विचारधार और अपनी टी आर पी के लिए पत्रकारिता के नाम पर केवल अपना हित साध रहे हैं| | यही वजह है कि पहले सुशांत की कथित हत्या को आत्महत्या कहकर छोड़ देने वाले लोग आज जब एक चैनल ने अपनी मेंहनत , लगन और सत्य के दम पर जब एक मुहिम बना दी है तो इसे मिडिया ट्रायल कहकर आलोचना कर रहें है |


     जिस तरह से घने अंधेरे को रोशनी की एक किरण चिर देती है उसी तरह से टीवी पत्रकारिता में भी कुछ चैनल ऐसे है जो रोशनी की वही किरण हैं और वो दिन रात मेहनत करके सच दिखाने कि कोशिश कर रहे हैं तो उन पर ये आरोप लगाया जा रहा है कि वह मिडिया ट्रायल कर रहे है | इन आरोपों को इस बात से समझिए कि ये वही लोंग हैं जो आतंतवादियों , अलगाववादियों और कातिलों के टीवी इंटरव्यू को सोसल मिडिया पर यह कहते हुए साझा करते हैं कि यही तो अभिव्यक्ति की असली स्वतंत्रता है |

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     इस लेख को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

Sunday, March 29, 2020

लेख, करोना वायरस कविड 19

         नमस्कार , करोना वायरस कविड 19 चीन के वुहान प्रांत से फैला एक जानलेवा वायरस है जिससे अब तक दुनिया में 29 हजार के करीब मौतें हो चुकी हैं और 6 लाख से ज्यादा लोग इस बिमारी के चपेट में आ चुके हैं | चीन से फैला यह खतरनाक वायरस अब तक दुनियां भर के 203 से ज्यादा देशों में फैल चुका है |

     हमारे देश भारत में भी यह वायरस बहोत तेजी से फैल रहा है देश में अब तक कुल 1024 पॉजिटीव मरीज मिले हैं तथा इस वायरस से मरने वालों कि संख्या बढकर 27 हो गई है | इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए पुरे देश में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया है जो कि करोना वायरस कोविड 19 के खिलाफ भारत कि लडा़ई का निर्णायक कदम साबित होकता है |

     करोना वायरस कोविड 19 से स्वयं का बचाव ही इसका सबसे बेहतर इलाज है मैं यहा जोर देकर यह बताना चाहुंगा के अब तक इस भयावह बिमारी का कोई इलाज नही ढुढा़ जा सका है | करोना वायरस कोविड 19 से बचाव के लिए आप डाक्टरों के द्वारा बताई जा रही कुछ आधारभुत सावधानियॉ जरुर रखें

1.किसी से मिलें तो हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते करें
2.बीना किसी ठोस वजय के घर से बाहर ना जाएं घर पर रहें यदि आवश्यकता बस बाहर जाना पड़ जाए तो मुंह पर मास्क लगाकर जाएं
3.अपने हाथों को बार बार चेहरें एवं आंखों पर ना लगाएं तथा अपनें हाथों को लगातार 20 सेकेंड तक साबुन से धोते रहें या सेनेटाइजर से सेनेटाइज करतें रहें
4.किसी अपरिचित व्यक्ति से 2 मिटर की दुरी बनाकर बात करें
5.सबसे महत्वपुर्ण सावधानी यह है कि बाहर ना जाएं घर पर ही रहें

    करोना वायरस कोविड 19 से संक्रमण का पता दो से 14 दिन में चलता है डॉक्टरों का कहना है कि इसके कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं

1.सर्दी , सुखी खांसी , तेज बुखार आना
2.गले में तेज दर्द होना , सांस लेने में परेशानी होना
3.थकावट महसुस होना आदी

     यदि आपको इस तरह के लक्षण महसुस हो तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं और अपना चेकअप करवाएं | आप चाहें तो केन्द्र या राज्य सरकारों के द्वारा उपलब्ध करवाई गई हेल्पलाइन पर भी सम्पर्क कर सकते हैं |  नमस्कार