शनिवार, 5 सितंबर 2020

अप्रकाशित सत्य 3 , आतंकवादीयों , अलगाववादीयों और अपराधियों को टीवी चैनलों की सहानुभुति और मिडिया ट्रायल का सच

     पिछले कुछ वर्षो से हम देख रहें है कि कुछ टीवी चैनल आतंकवादीयों , अलगाववादीयों और अपराधियों को पत्रकारिता के नाम पर अपना मंच प्रदान करते आए हैं और न शिर्फ मंच प्रदान करते हैं बल्कि बाकायदा उनका महिमामंडन भी करते है राष्ट की जन भावना के साथ खिलवाड़ करते आए हैं तथा अपराधियों के अपराथ को सामान्यीकृत करने का प्रयास करते आए हैं और इसका हालिया उदाहरण सुशांत सिंह राजपुत के केस में देखने को मिला जब एक तथाकथित बडे़ चैनल ने इस केस कि मुख्य आरोपी को बैठाकर हास्यास्पद सवाल पुछे और मुख्य आरोपी को पुरा समय दिया जिससे वह पिड़ित पर ही संगीन आरोप लगा सके और उसका चरित्र हनन कर सके और न सिर्फ पिड़ित बल्की उसके पुरे परीवार पर आरोप लगा सके और उनका भी चरित्र हनन कर सके | यह बहुत दुर्भाग्यपुर्ण है |


     अब यदी हम इस बारे में और चर्चा करें तो कुछ ही दिन पहले दिल्ली दंगे के मुख्य आरोपियों में से एक को उसी तथाकथित बड़े टीवी चैनल ने स्थान दिया था यही नहीं इसी टीवी चैनल ने कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा मारे गए एक आतंकवादी के बारे में बताया था की वह गणित का शिक्षक था और भी कई घटनाएं बताकर उसके आतंकवादी होने के गुनाह को सामान्यीकृत करने का प्रयास किया | मुझे याद है कि जब निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाया गया था तो एक इसी तरह के न्युज चैनल और उसके पत्रकार ने अपराधियों की रात से लेकर सुबह फांसी पर चढने तक की कहानी बताई थी जिसमें वह यही भी बता रहा था की किस तरह से फांसी वाली रात को किसने खाना खाया था नही खाया था या उन्हे फांसी पर चढा़ने ले जाते वक्त वो फुट फुट कर रो रहे थे | यहां मेरा सवाल इन टीवी चैनलों से ये है कि आप ये बताकर साबित क्या करना चाहते है कि देश उन बलात्कारियों कि फांसी पर रोए या न्यायालय नें उन्हें फांसी कि सजा देकर कोई गुनाह कर दिया है | मुझे यह लगता है कि इन टीवी चैनलों से ऐसे सवाल पुछे जाने चाहिए |


      इसलिए अब समय आ गया है कि इन टीवी चैनलों का पुर्णतय बहिस्कार करके इन्हे सत्य से और राष्ट की जन भावना से अवगत कराया जाए | वरना ये टी आर पी के भुखे चैनल इसी तरह से सत्य को एवं राष्ट को हानी पहुचाते रहेंगे | सच तो ये है कि ऐसे चैनल केवल अपनी वामपंथी विचारधार और अपनी टी आर पी के लिए पत्रकारिता के नाम पर केवल अपना हित साध रहे हैं| | यही वजह है कि पहले सुशांत की कथित हत्या को आत्महत्या कहकर छोड़ देने वाले लोग आज जब एक चैनल ने अपनी मेंहनत , लगन और सत्य के दम पर जब एक मुहिम बना दी है तो इसे मिडिया ट्रायल कहकर आलोचना कर रहें है |


     जिस तरह से घने अंधेरे को रोशनी की एक किरण चिर देती है उसी तरह से टीवी पत्रकारिता में भी कुछ चैनल ऐसे है जो रोशनी की वही किरण हैं और वो दिन रात मेहनत करके सच दिखाने कि कोशिश कर रहे हैं तो उन पर ये आरोप लगाया जा रहा है कि वह मिडिया ट्रायल कर रहे है | इन आरोपों को इस बात से समझिए कि ये वही लोंग हैं जो आतंतवादियों , अलगाववादियों और कातिलों के टीवी इंटरव्यू को सोसल मिडिया पर यह कहते हुए साझा करते हैं कि यही तो अभिव्यक्ति की असली स्वतंत्रता है |

🌸🌸🌸

     इस लेख को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार |

रविवार, 29 मार्च 2020

लेख, करोना वायरस कविड 19

         नमस्कार , करोना वायरस कविड 19 चीन के वुहान प्रांत से फैला एक जानलेवा वायरस है जिससे अब तक दुनिया में 29 हजार के करीब मौतें हो चुकी हैं और 6 लाख से ज्यादा लोग इस बिमारी के चपेट में आ चुके हैं | चीन से फैला यह खतरनाक वायरस अब तक दुनियां भर के 203 से ज्यादा देशों में फैल चुका है |

     हमारे देश भारत में भी यह वायरस बहोत तेजी से फैल रहा है देश में अब तक कुल 1024 पॉजिटीव मरीज मिले हैं तथा इस वायरस से मरने वालों कि संख्या बढकर 27 हो गई है | इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए पुरे देश में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया है जो कि करोना वायरस कोविड 19 के खिलाफ भारत कि लडा़ई का निर्णायक कदम साबित होकता है |

     करोना वायरस कोविड 19 से स्वयं का बचाव ही इसका सबसे बेहतर इलाज है मैं यहा जोर देकर यह बताना चाहुंगा के अब तक इस भयावह बिमारी का कोई इलाज नही ढुढा़ जा सका है | करोना वायरस कोविड 19 से बचाव के लिए आप डाक्टरों के द्वारा बताई जा रही कुछ आधारभुत सावधानियॉ जरुर रखें

1.किसी से मिलें तो हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते करें
2.बीना किसी ठोस वजय के घर से बाहर ना जाएं घर पर रहें यदि आवश्यकता बस बाहर जाना पड़ जाए तो मुंह पर मास्क लगाकर जाएं
3.अपने हाथों को बार बार चेहरें एवं आंखों पर ना लगाएं तथा अपनें हाथों को लगातार 20 सेकेंड तक साबुन से धोते रहें या सेनेटाइजर से सेनेटाइज करतें रहें
4.किसी अपरिचित व्यक्ति से 2 मिटर की दुरी बनाकर बात करें
5.सबसे महत्वपुर्ण सावधानी यह है कि बाहर ना जाएं घर पर ही रहें

    करोना वायरस कोविड 19 से संक्रमण का पता दो से 14 दिन में चलता है डॉक्टरों का कहना है कि इसके कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं

1.सर्दी , सुखी खांसी , तेज बुखार आना
2.गले में तेज दर्द होना , सांस लेने में परेशानी होना
3.थकावट महसुस होना आदी

     यदि आपको इस तरह के लक्षण महसुस हो तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं और अपना चेकअप करवाएं | आप चाहें तो केन्द्र या राज्य सरकारों के द्वारा उपलब्ध करवाई गई हेल्पलाइन पर भी सम्पर्क कर सकते हैं |  नमस्कार

गुरुवार, 26 मार्च 2020

अप्रकाशित सत्य 2 , दिल्ली दंगों का ये पहलु , क्या दिल्ली में हुआ दंगा योजनाबद्ध साजिश था ?

     23 , 24 और 25 फरवरी , ये शिर्फ तारिखें नही हैं बल्की ये वो मंजर है जो भारत के आधुनिक पंथनिरपेक् और समाजवादी समाज को नही भुलना चाहिए वजय ये है कि इन तीन तारिखों के दरमियान उत्तरपुर्वी दिल्ली में जो दंगे हुए है उन में अब तक 40 से ज्यादा लोगों कि मौत हो गई है और राजधानी में ये तब हुआ जब दुनियां के सबसे अमीर , ताकतवर और दुसरे सबसे बडे़ लोकतात्रिक देश के राष्टपति श्री डोनाल्ड ट्रंप सह परिवार दो दिवसीय दौरे पर भारत आए थे तब इन दंगों के इस तरह योजनाबद्ध साजिश से कराए जाने के पुख्ता आसार हैं और मैं यह क्यों कह रहा हुं इसे निचे लेख में विस्तारपुर्वक लिख रहा हुं |

       जब से ये दंगे हुए हैं तब से मुख्य मिडिया केवल कपिल मिश्रा के बयान को इन दंगों का जिम्मेदार ठहरा रहा है , लेकिन सबाल यह खडा़ होता है कि क्या मात्र कपिल मिश्रा के द्वारा हि कथित रुप से भड़काउ बयान दिया गया था ? , इसका जबाब है जी नही ! इसमें तीन महिने से जिस तरह से भड़काउ बयान दिए जा रहे हैं इसके सामने कपिल मिश्रा का बयान इंच मात्र भी नही है | जब से जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंसा हुई थी तभी से ऐसे सैकडो़ भड़काउ बयान सैकडो़ नेताओ के द्वारा दिए जा चुके हैं जिनमें एआईएमआईएम नेता ओवेसी भाईयों ( असदुद्दीन ओवेसी और अकबरुद्दीन ओवेसी ) तथा वारीस पठान , आम आदमी पार्टी के नेता विधायक अमानतुल्लाह खान का बयान भी सामिल है | वारीस पठान ने तो यहां तक कह दिया कि 'हम दिखा देंगे पंद्रह करोड़ सों करोड़ पर भारी पडे़गे' और आम आदमी पार्टी के विधायक नेता अमानतुल्लाह खान से ताल्लुकात रखने वाला एक दंगाई लड़का जिसका नाम सर्जिल इमाम है चीकन नेक को भारत से काटकर पुर्वोत्तर को परमानेंटली अलग करने कि बात कह रहा था फिलहाल वह पुलिस कि हिरासत में है |

         उत्तरपुर्वी दिल्ली के ये दंगे जिसमें दोनो धर्मों के 40 से ज्यादा लोगों कि मौत हो गई है जिसमें दिल्ली पुलिस के हेड कांसटेबल रतनलाल तथा आईबी के आफिसर अंकित शर्मा जिनको 2 से 4 घंटे तक 400 से ज्यादा बार चाकु मारकर हत्या कर दी गई और लाश को पास के नाले में फेंक दिया गया सामिल हैं | इन दंगों को पुरे योजनाबद्ध तरीके से साजिश के तहत आयोजित किया गया था और आयोजनकर्ता के रुप में आम आदमी पार्टी का पार्षद ताहिर हुसैन चिंन्हीत किया जा चुका है और आज दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया है | ताहिर हुसैन के पॉच मंजिला घर कि छत पर से 200 से 500 लोगों कि भीड़ निचे हिन्दुओं का घर चुनचुन कर पत्थर , पेटो्ल बम , तेजाब कि थैलियां और टाइल्स फेंक रहे थे | इस दंगों के योजनाबद्ध होने का यही सबसे बडा़ सबुत है कि एक पार्टी के पार्षद के घर कि छत पर इतने बडे़ मात्रा में पत्थर जिसे रिपोर्ट में तकरिबन सात ट्रक बताया जाता है , पेट्राेल बम , तेजाब तथा गुलेल जैसी खतरनाक चीजें कहां से आयीं क्योकि यह सब चिजे ना तो हवा में उड़कर आ सकती है और ना जादु से पैदा कि जा सकती हैं मतलब साफ है ये सब चीजे एक खास दिन के लिए एक खास मक्सद के लिए इकट्ठा कि गई थी |

      आप दंगों का रुप देखेंगे तो पाएंगे कि यह दंगे पुरी तरह से हिन्दू घृणा से सने हुई थे | अंकित शर्मा को किस तरह से मारा गया था यह मैने आप को बताया और आप थोडा़ और जानने कि कोशिश करेंगे तो पाएंगे कि इन दंगों में जितने भी हिन्दूओ कि मौत हुई है इसी तरह से हुई है और ताहिर हुसैन के घर कि छत से जिस तरह से केवल हिन्दूओ के घरो पर हि पेट्रोल बम , पत्थर और टाइल्स के टुकडे़ फेंके गए हैं तथा उनके हि घरों और दुकानों को ज्यादातर आग लगाई गई है तो इतना सब देखने और सुनने के बाद मैं मजबुर हो गया हुं यह कहने के लिए कि जिस तहर से 1984 में दिल्ली में सिख विरोधी दंगे हुए थे जिसमें 4 हजार से ज्यादा सिखों को मार डाला गया था उसी तरह से यह उत्तरपुर्वी दिल्ली के 2020 के हिन्दू विरोधी देगे थे | हां यह सच है कि इस दंगे मे 1984 के दंगों जितनी मौते नही हुई हैं पर मेरे लिए एक व्यक्ति कि जान भी बहोत अहमियत रखती हैं , नमस्कार |