Friday, March 15, 2019

स्तंभ दरार, प्यार के लिए सबसे जरुरी चीज ये है

     यू तो प्यार से खुबसुरत चीज इस दुनिया में कोई हो ही नहीं सकती ना है | क्योंकि अगर आपके जीवन में प्यार है तो आपका जीवन चाहे जिन भी हालातो से होकर गुजरे आप हर मुश्किल का सामना कर सकते हैं |

     अगर आप अपने प्यार को हमेसा के लिए बरकरार रखना चाहते हैं तो मेरी एक बात गांठ बांध लीजिए, ‘अपने प्यार का भरोसा कभी मत तोडिए और अपने प्यार पर भरोसा कीजिए' | ये बातें सबसे ज्यादा जरुरी है |

     अगर आपको कभी अपने प्यार की वफादारी और इमानदारी पर शक होता है तो सुनी सुनाई बातों मे आकर गलत फैसले करने से पहले मामले की भली भाँति जांच पडताल करलें और मुनासिब होगा की अपने प्यार से भी आमने सामने की बात करलें ताकि किसी भी फैसले को लेकर आपको बाद में पछताना ना पड़े | ये ध्यान रखे की गलतफहमीयों का टुटना दिल और घर टूटने से बचाने के लिए बेहद जरुरी है |

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    इस स्तंभ को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार | 

स्तंभ जीवन मूल्य, दुखों से बचने का तरिका क्या है

      दुःखो का उदासी से बड़ा पुराना रिश्ता है | बस यू समझिए की दुःखों की शुरुआत की वजह ही उदासी है | जब कोई काम हमारे पसंद का नही होता तो हम उदास होते हैं मतलब दुःखी होते हैं |

       अगर अपने दुखों से बचना चाहते हैं तो उदास होना छोड़ दीजिए | चाहे आपके जीवन में कुछ भी हो उदास मत रहीए | जैसे कि मैने पहले भी कहा है असफलता कभी हार नही होती बल्कि बेहतर बनने की सिख होती है | चाहे बेमन का काम कर रहे हो या जीवन जी रहे हो उदास होकर दुखी होने से बेहतर है की उसे बेहतर एवं अपने मन लायक बनाने कि कोशिश करें |

    खुद को दुःखो से दुर रखना है तो खुद को खुश रखिए | या खुद को खुश रखने की कोशिश करिए दुःखो का साया आपके जीवन से खुद ब खुद हट जाएगा | हर दर्द का अंत होता है और हर रात की एक सुबह होती ही है यही जिंदगी है |

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लेख, इतिहास में सबसे बड़ा दानी कौन

      हमारे भारत भूमि को परोपकार की भूमि कहा जाता है | यू तो मैं ने कई दानवीर राजाओं के बारे में सुना हैं मगर यहां मैं केवल दानवीर कर्ण का उल्लेख करना चाहूंगा |

        जितना मैं ने पढ़ा है, सुना है और टीवी सीरियलों के माध्यमों से देखा है उतना मै आपको दानवीर कर्ण के बारे मे विस्तार से बता रहा हूं :-

      कर्ण पांडवों की मां यानी कुंती के पहले बेटे थे जिन्हें माता कुंती ने अपने विवाह से पहले ही जन्म दिया था | कर्ण के जन्म के बाद समाज में बदनाम होने के भय से कर्ण को जल में प्रवाहीत कर दिया था |

      जल में प्रवाहीत कर्ण को एक किसी गरीब वंचित वर्ग के लोगों ने पाया एवं उन्हीं में से एक दंपति ने कर्ण का लालन पालन किया | फिर कर्ण जब बहे हुए तो उन्होने परमवीर परशुराम से युद्ध कौशल सिखा |

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