Friday, March 15, 2019

स्तंभ जीवन मूल्य, कड़ी मेहनत के बाद भी असफल क्यों होते हैं

     मुझे लगता है कि असफलता आपको कभी कमजोर नही बनाती बल्कि हर बार आपको आपके पीछे मिले अनुभव से कुछ बेहतर बनाती है | असफल होने का बिलकुल भी ये मतलब नही है कि आप हार गए हैं बल्कि ये मतलब है कि जो आपसे जीता है वो आपसे ज्यादा बेहतर है और आपको भी अगर जीतना है तो जो जीता है उससे बेहतर होना पड़ेगा |

     सच पुछीए तो असफलताएं हमेशा इंसान के भले के लिए ही होती हैं अब इंसान चाहे उसे कुछ भी समझे और जो चीज आपकी बेहतरी के लिए है उससे डरना कैसा |

    आप एक ही सुरत में असफलताओं से डर सकते हैं अगर आप कड़ी मेहनत करने से डरते हैं तो , वरना जो मनुष्य कड़ी मेहनत से नही डरता उसके लिए कोई असफलता ईतनी बड़ी हो ही नही सकती की बह अपने उद्देश्य में सफल न हो पाए |

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    इस स्तंभ को लिखते वक्त अगर शब्दो में या टाइपिंग में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो उसके लिए मै बेहद माफी चाहूंगा | मै जल्दी ही एक नई रचना आपके सम्मुख प्रस्तुत करूंगा | तब तक अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें , नमस्कार | 

संस्मरण, स्कूल के दिन

    ज़िन्दगी कभी अगर यू हो जाती की हम जब चाहते तब अपने बीते हुए कल में चले जाते और जब चाहते तब आने वाले कल में चले जाते तो मैं अपने स्कूल के दिनों में वापस जाना चाहूंगा |

     मुझे मेरे स्कूल के दिनों की कई बातें याद आती हैं मुझे सबसे बड़ी तो यह है कि मुझे उस वक्त मेरी पढाई बोझ नही लगती थी बल्कि उस वक्त तो पढना बेहद भाता था | आज तो ये हो गया है कि केबल अच्छे नंबर हासिल करने के लिए इल्जाम के आखिरी महीनों में पढाई होती है | जब लंच टाइम होता था सब एक साथ बैठकर और बाटकर खाना खाते थे, आपस में खूब लडते और फिर दोस्त बन जाते थे |

      और सबसे बड़ी बात ये है कि मैं छुट्टी के दिनों को छोड़कर रोज स्कूल जाया करता था और बेहद खुशी से जाया करता था | और आज महीने में एक दिन कॉलेज जाना भी इतनी बड़ी बात हो गयी है कि जैसे हिमालय चढना हो |

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लेख, हर चीज का जानकार नही समझदार बनो


   कोई इंसान सब कुछ जानले ये किसी इंसान के लिए नामुमकिन है इस दुनियां में हर चीज केवल ईश्वर जान सकते | एक इंसान हर चीज जान पाए ये संभव हो या ना हो मगर एक इंसान बहोत कुछ जान सकता है |

         ये दुनियां इतनी विभिन्नओ से भरी है | इतना बड़ा जनसंख्या घनत्व है इतने सारे देशों का भूत वर्तमान इतने विषय मनोरंजन खेल व्यापार आदी कि ये सब कुछ एक माया जाल के जैसा लगता है |

     जानकार और समझदार होने में फर्क होता है | जानकार इंसान केवल एक या दो विषय का हो सकता है मगर समझदार इंसान तो कई विषयों का हो सकता है | इसलिए जरुरी ये है कि हर चीज जानने से ज्यादा हर चीज समझने की कोशिश करें |

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