मगर पहिए की बात करते हुए हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि दोनों पहिये अगर संतुलित भी रहे तो भी अगर उस गाडी में कोई इंजन नही है तो जीवन की गाड़ी चलेगी ही नहीं | इंजन से मेरा मतलब दोनों (पति पत्नी) में से किसी एक का साहसिक एवं जिम्मेदार होना ज्यादा जरुरी है |तथा दूसरे को उस पर विश्वास करते हुए उसके निर्णय में साथ देना चाहिए |
आज कल पति पत्नी में हो रहे तलाकों की कई वजहो मे एक वजह यह भी बन गयी है की दोनों एक दूसरे से एक विषय पर सहमत नहीं हो पाते |या यह कहनी उचीत होगा के रिश्ते में होरही नोक झोक में कोई झुकना नही चाहता | किसी शायर का एक शेर है के 'कभी ये हुनर भी आजमाना चाहिए अगर रिश्ते में जंग हो तो हार जाना चाहिए 'पति पत्नी के रिश्ते में एक दूसरे को समझना आवश्यक है |दोनों पति पत्नी में से अगर कोई भी एक इंजन है तो जीवन की गाड़ी में ब्रेक नही लगेगा |
मेरा ये स्तंभ जीवन मूल्य आपको कैसा लगा है मुझे अपने कमेंट के जरिए जरुर बताइएगा | अगर अपनी रचना को प्रदर्शित करने में मुझसे शब्दों में कोई त्रुटि हो गई हो तो तहे दिल से माफी चाहूंगा | एक नई रचना के साथ मैं जल्द ही आपसे रूबरू होऊंगा | तब तक के लिए अपना ख्याल रखें अपने चाहने वालों का ख्याल रखें | मेरी इस रचना को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया | नमस्कार |